Raksha Bandhan : श्रीहरि विष्णु को राजा बली के बंधन से मुक्त कराने के लिए माता लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधी थी
श्रीहरि विष्णु को राजा बली के बंधन से मुक्त कराने के लिए माता लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधी थी। तभी से रक्षा बंधन का पर्व प्रचलन में आया।
वैदिक काल से ही राखी का त्यौहार मनाया जाता रहा है । अनेक देवी-देवता आपस में भाई बहन थे और वो भी रक्षाबंधन का त्यौहार उत्साह से मानते थे। ये परम्परा आज भी भारतीयों में प्रचलित है।
प्रतिवर्ष श्रावण मास में रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती हैं और भाइयों से अपनी रक्षा और सहयोग का वचन लेती हैं।
1. देवी मनसा और वासुकी- देवी मनसा के भाई नागराज वासुकी हैं। वासुकी शिव के गण हैं। रक्षाबंधन मनाने से पहले मनसा देवी के भाई वासुकी को सबसे पहले राखी बांधी जाती है।
2. यम और यमुना- यमराज की बहन यमुना ने राखी बांधकर उन्हें अजरता और अमरता के वरदान से संपूर्ण किया था।
3. श्री विष्णु और सरस्वती- पौराणिक कथा के अनुसार श्रीविष्णु और माता सरस्वती आपस में भाई बहन हैं। 4. श्री विष्णु और मीनाक्षी- दक्षिण भारत की प्रचलित मान्यता के अनुसार मीनाक्षी देवी भगवान शिव की पत्नी पार्वती का अवतार और भगवान विष्णु की बहन थीं।
5. भगवान शिव और असावरी देवी- कहते हैं कि पार्वती अकेली रहती थीं तो उन्होंने एक बार शिव से कहा कि काश मेरी ननद होती तो अच्छा होता। तब शिव ने अपनी माया से अपनी एक बहन की उत्पत्ति की और पार्वती देवी से कहा ये रही आपकी ननद। उसका नाम असावरी रखा गया था।
6. राजा बली और मां लक्ष्मी- श्रीहरि विष्णु को राजा बली के बंधन से मुक्त कराने के लिए माता लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधी थी। तभी से रक्षा बंधन का पर्व प्रचलन में आया। राजा बली ने रक्षा का वचन दिया।
7. श्रीकृष्ण और सुभद्रा- भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा थीं। सुभद्रा की हर समय पर उन्होंने रक्षा की और अब वे श्रीकृष्ण के साथ ही जगनाथ पुरी में विराजमान हैं।
8. श्रीकृष्ण और द्रौपदी- शिशुपाल का वध करते समय सुदर्शन चक्र से भगवान श्रीकृष्ण की तर्जनी में चोट आ गई थी तो कहते हैं कि द्रौपदी ने लहू रोकने के लिए अपनी साड़ी फाड़कर उनकी अंगुली पर बांध दी थी। यह द्रोपदी का बंधन था। इसके बाद जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तब श्रीकृष्ण ने इस बंधन का कर्तव्य निभाया और द्रौपदी की लाज बचाई थी।
9. श्रीकृष्ण और एकानंगा- यह माता यशोदा की पुत्री थीं।
10. श्रीकृष्ण और योगमाया- देवकी के गर्भ से सती ने महामाया के रूप में इनके घर जन्म लिया, जो कंस के पटकने पर हाथ से छूट गई थी। कहते हैं, विन्ध्याचल में इसी देवी का निवास है। यह भी कृष्ण की बहन थीं, जिन्हें विंध्यवासिनी कहा जाता है।
11. श्रीराम और शांता- भगवान श्रीराम की बड़ी बहन थी शांता। शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं। शांता का विवाह ऋषि श्रृंग से हुआ था। रामजी की एक और बहन थीं, जिसका नाम कुकबी था।
12. श्री गणेश और कार्तिकेयजी की बहनें- गणेशजी और कार्तिकेय की बहन का नाम है अशोक सुंदरी। अशोक सुंदरी के अलावा ज्योति (मां ज्वालामुखी) और मनसादेवी भी उनकी बहनें हैं।
13. शुभ और लाभ की बहन- गणेशजी के पुत्र शुभ और लाभ की बहन का नाम संतोषी माता है।
14. माता पार्वती के भाई- मां नंदा और लाटू देवता धर्म भाई-बहन हैं। लाटू देवता को मां पार्वती का भाई माना जाता है। विष्णुजी को भी माता पार्वती का बड़ा भाई माना जाता है। उनकी बहन मां गंगा है।
15. सूर्यदेव की बहन- सूर्यदेव की बहन माता षष्ठी देवी है।
16. शनिदेवी की बहन- शनिदेव की तीन बहनें हैं- यमुना, ताप्ती और भद्रा।
17. माता लक्ष्मी के भाई- माता लक्ष्मी के दो भाई दाता और विधाता हैं।
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