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कोरोना काल बना रेडियोलॉजी का स्वर्णकाल.........लॉकडाउन में कुछ डॉक्टर भी कर रहे उगाही


  • 500 के अल्ट्रासाउंड के वसूले जा रहे 1500

  • क्या ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता ?

  • क्या ये एक तरह की कालाबाजारी नहीं है ?


कानपुर। कोरोना काल में जहाँ एक ओर डॉक्टर अपनी जान की परवाह न कर रोगियों की जान बचा रहे हैं व कई निजी डॉक्टर मरीजो से अपनी फीस तक नही ले रहें है। वहीं दूसरी ओर कुछ निजी रेडियोलॉजी इस संकट की घडी में मरीजों को लूट रहे है।


डॉक्टर साहब इतना याद रखिये कफ़न में जेब नही होती।



डॉक्टर ने इस भयावह कोरोना काल को लूटकाल में बदल दिया है।आम दिनों में 5 - 6 सौ रुपये में होने वाला अल्ट्रासाउंड इन दिनों 1500 रुपये में हो रहा है। रावतपुर निवासी अधिवक्ता विकास श्रीवास्तव के कुछ दिनों से पेट में दर्द हो रहा था। शुक्रवार को काकादेव स्थित डॉक्टर रामशंकर स्मारक अस्पताल में उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने को लेकर फोन किया। रिसेप्शन पर मौजूद महिला ने डॉक्टर से पूछ कर इमरजेंसी के नाम पर अल्ट्रासाउंड के 1500 रुपये की मांग की। आश्चर्य की बात है कि महिला ने फोन पर ये भी स्वीकार किया कि आम दिनों में यही अल्ट्रासाउंड 700 रुपये में होता है। जब विकास ने ये पूछा कि कोरोना के कारण पैसा बढ़ाया गया है तो उस ओर से फोन काट दिया गया। बताते चले कि अस्पताल के बाहर रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रवीन कुमार और लेडी डॉक्टर मितुषि कटियार का बोर्ड लगा है। अब सवाल ये है कि क्या इन रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर साहब के आँखो का पानी मर गया है या इन्हें शासन प्रशासन का खौफ नही है जो इस वैश्विक महामारी में भी अपनी जेब भर रहे है। प्रशासन तत्काल इस को देखे और निजी डॉक्टर या नर्सिंग होम इस तरह की वसूली न कर सके  ये भी सुनिश्चित करे। 



 


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