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क्यों हुई YES Bank की ये हालत ....... जानिए

यस बैंक देश में प्राइवेट सेक्टर का पांचवा सबसे बड़ा बैंक है, लेकिन बैंक अब बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक के खिलाफ गुरुवार को बड़ी पाबंदी लगाई।आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भी भंग कर दिया है। आरबीआई ने बैंक के संचालन के लिए एसबीआई के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया है।


यस बैंक मुख्य रूप से तीन संकटों से गुजर रहा था,


पहला बैड लोन, दूसरा बैंक के प्रबंधन में मुश्किल और तीसरा पूंजी जुटाने में विफलता। यस बैंक लगातार घाटे में चल रहा था, इसकी बड़ी वजह यह है कि बैंक कैपिटल (पूंजी) हासिल करने में विफल हो रहा था। इसके अलावा पिछले कुछ वर्षों से बैंक संचालन को लेकर भी काफी मुश्किलों का सामना कर रहा था, जिसके चलते बैंक के व्यवसाय में लगातार गिरावट दर्ज हो रही थी। दरअसल बैंक को कैपिटल हासिल करने के लिए कुछ निश्चित नियामकों को पूरा करना होता है, लेकिन बैंक 'बैड लोन' के चलते यस बैंक काफी संकट से घिरा हुआ था। बैंक 2 बिलियन डॉलर की पूंजी पिछले वर्ष से हासिल करने की कोशिश कर रहा था।



आरबीआई की तमाम कोशिश विफल


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया लगातार यस बैंक के प्रबंधन के संपर्क में था कि कैसे बैंक की बैलेंस शीट को मजबूत किया जाए और बैंक में पूंजी को बढ़ाया जाए। यहां तक कि आरबीआई ने कुछ प्राइवेट इक्विटी फर्म से भी मुलाकात की जोकि बैंक में निवेश करने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन इन तमाम कोशिशों के बाद भी जब आरबीआई को सफलता नहीं मिली तो आरबीआई ने यस बैंक पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया। रिजर्व बैंक ने यस बैंक के बोर्ड को भंग करके, बैंक से नकदी की निकासी को लेकर प्रतिबंध लगा दिया।

एसबीआई के पूर्व सीएफओ मिला जिम्मा


आरबीआई ने बैंक के संचालन के लिए एसबीआई के पूर्व सीएफओ प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया है। इस बीच नगदी की समस्या से जूझ रहे यस बैंक में निवेश के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एलआईसी दोनों ही ने यस बैंक में सामूहिक रूप से 49 फीसदी शेयर हासिल करने की बात कही है।





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