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कांग्रेसी प्याज क्या भाजपा की आंखों में आँसू ला पायेगा ?


  • सवा कुंटल प्याज 75 में खरीदकर 50 रुपये किलो में  बेंचा

  • कभी जेटली, स्मृति ने महंगी कीमतों का किया था विरोध


प्रियंका गांधी वाड्रा के निर्देश पर जिले के कांग्रेसी भी आज दुकानदार बन गए ! राजनीति के खातिर 75 रुपये की दर से करीब सवा कुंटल प्याज खरीदकर उसे ग्राहकों को 50 रुपये की दर से बेंच दिया गया। इस नुकसान में दूसरे प्रकार का मुनाफा देखा जा रहा है। कांग्रेस द्वारा बेंचा गया यह प्याज क्या भाजपा नेताओं की आंखों में आँसू ला पायेगा ?  यह भविष्य तो अब भविष्य बताएगा।



कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा और शहर अध्यक्ष डॉ रिहान सिद्दीकी के संयुक्त नेतृत्व में शहर के गाँधी चबूतरे पर केंद्र सरकार के विरोध स्वरूप प्याज बेंचकर पब्लिक को यह बताने की कोशिश की गई कि बातों वाली मोदी सरकार के राज में क्या हो रहा है?  जो मजदूर प्याज की चटनी के सहारे अपना पेट भर लेता था ,आज उसकी थाली से प्याज तक छीन लिया गया । अब मजदूर खाये भी तो आखिर क्या खाए ! 


हमेशा से आक्रामक दिखने वाले जिलाध्यक्ष अनुज मिश्रा आज और आक्रामक हो गए। कहा कि देश की हर वस्तु पर अब प्रधानमंत्री मोदी के मित्र अडानी का कब्जा है। विदेशों में प्याज का निर्यात किये जाने के कारण आज देश भर से प्याज गायब करा दिया गया है। जीडीपी निचले पायदान पर है और महिलाओं का घर से निकलना दूभर हो गया है। मोदी अब क्यों नहीं बताते कि प्याज कहां गया ? कौन मुनाफा कमाकर जनता को रुला रहा है। डॉ रिहान ने कहा कि मोदी सरकार मुनाफाखोरों की सरकार साबित हो रही है। सारा लाभ अम्बानी और अडानी की झोली में डालकर जनता को महँगाई की आग में झोंक दिया गया है। प्रशासन प्रभारी युवा नेता दीपांशु समाधिया ने कहा कि मनमोहन सरकार के समय अरुण जेटली , स्मृति ईरानी की अगुवाई में प्याज की मालाएं पहनकर भाजपा ने विरोध जताया था। आज वही भाजपा नेता कह रहे हैं कि उनके घर प्याज - लहसुन खाया ही नही जाता। अब स्मृति ईरानी प्याज की खामोशी पर क्यों चुप हैं?
इसके अलावा अमित पांडेय, अखिलेश चौधरी, संतराम नीलांचल, राजीव नारायण मिश्रा,  आदि ने भी इसी तरह के प्रश्न उभारकर सरकार को घेरा।
पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू हुई कांग्रेस की यह दुकानदारी अपराह्न करीब डेढ़ बजे तक चली। इस दौरान करीब सवा कुंटल प्याज बेंच डाला। 25 रुपये प्रति किलो के हिसाब से क्यों न नुकसान उठाया गया हो पर बदले में वोटों का एक बड़ा मुनाफा पाने की योजना जरूर छिपी है। इसके अलावा प्याज बेंचकर स्मृति ईरानी को भी आईना दिखाने की कोशिश हुई है। काफी वक्त से प्रियंका और स्मृति के बीच अदावत चल रही है। इसीलिए जब देश मे  प्याज महंगा हुआ तो प्रियंका ने स्मृति ईरानी को सबक सिखाने को प्याज के माध्यम से मुखर विरोध के लिए अपने कार्यकर्ताओं को सड़कों पर उतार दिया। वैसे आने वाले दिनों में इसी तरह के कुछ मुद्दों को लेकर सपा भी मैदान में दिखाई देने वाली है। कहा जा सकता है कि भाजपा अब चैन के साथ सरकार नहीं चला पाएगी। अब उसे विपक्ष की वह आवाज जरूर सुनाई देगी, जिसे जनता भी सुन रही होगी।


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