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छवि से समझौता नहीं करूंगा वर्ना छोड़ दूँगा पद : रामेंद्र सिंह

भाजपा के नए सेनापति रामेंद्र सिंह सेंगर 'बनाजी' आज नई इच्छाशक्ति और संकल्प के साथ जिले में आ रहे हैं। उनके स्वागत के लिए समर्थक भव्य रूप देने की कोशिश में जुटे हैं। संभावना जताई गई है कि काफिला जब कालपी से उरई की ओर बढेगा तो उसमें लगभग 500 कारें शामिल होंगी।जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी धारण करने वाले बनाजी कर्तव्य निर्वहन को लेकर यदि संजीदा हैं तो उन पर दबाव भी है। उन्हें अहसास है कि राजनीति में सभी के साथ सामंजस्य बैठा पाना कितना कठिन होता है।


उनका इंटरव्यू लखनऊ में हुआ। वह सुदामा दीक्षित के रिश्तेदार की शादी में हिस्सा लेने आये थे। दायित्व संभालने के बाद उनसे कार्य करने की योजना पर बात हुई तो कुछ नई बातें भी सामने आईं। स्पष्ट दिखा कि उनकी खामोशी तो घटी है पर विनम्रता बढ़ चुकी है। भाजयुमो के जिलाध्यक्ष वाले रामेंद्र की बनिस्पत भाजपा के जिलाध्यक्ष रामेंद्र अभी से परिपक्व लगने लगे हैं। इरादे भी जता दिए। बोले - पद को संभालना कठिन होता है। हर किसी के साथ सामंजस्य रखना और उसको संतुष्ट कर पाना संभव नहीं। मैं पद और अपनी छवि के अनुरूप ही कार्य करूंगा।  जब कभी यदि ऐसा महसूस हुआ कि अपनी योजानुसार काम नहीं कर पा रहा हूँ तो जिलाध्यक्षी सहर्ष लौटा दूंगा। कहूंगा - ' यह रखी है आपकी जिलाध्यक्षी । मैं इसे अब नहीं  संभाल पाऊंगा ' ।

 
बना जी ने माना कि जब वह भाजयुमो के जिलाध्यक्ष बने थे, तब बात और थी। उसमें ज्यादा जिम्मेदारी या लोगों की अपेक्षाएं नहीं थीं। अब बात और है। जिम्मेदारियों का ज्यादा बोझ रहेगा। किस्म - किस्म की चुनौतियां भी सामने आयेंगी। इन सभी का ठीक प्रकार से सामना करने को पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार कर रहा हूँ। निर्णय ऐसे लूँगा जो जन अपेक्षाओं और संगठन के अनुकूल हो। उनका इशारा छवि की ओर भी था। साफ तौर पर कहा कि जो छवि है उस पर आंच नहीं आने दूंगा।मीडिया से भी सलाह लेता रहूँगा। यदि कोई निर्णय मुफीद नहीं लगा तो उस पर बदलाव किया जाएगा। जब बात पुराने जिलाध्यक्षों पर हुई तो फौरन जवाब मिला कि वह ऐसा कोई इतिहास नहीं दोहराने देंगे जिससे पद या उनकी छवि पर प्रश्न चिन्ह लगे। अनुशासन का पूरा ख्याल रखा जाएगा। न तो खुद हूटर लगाएंगे न ही किसी अन्य को इसका उपयोग करने देंगे। कोशिश होगी कि जनता में सरकार का अच्छा संदेश जाए ! 


रामेंद्र का कहना है कि उन्हें जो अवसर मिला है उसे वह व्यर्थ नहीं जाने देंगे। किसी के भरोसे को नहीं टूटने दूंगा। ऐसी टीम बनाना चाहता हूँ जो अनुशासनबद्ध होकर काम करे। इसलिये हमारी टीम में अनुभव के साथ युवा चेहरों का मिश्रण देखने को मिलेगा। इस धारणा को भी तोड़ूंगा कि मुझे संगठन का अनुभव दूसरों के मुकाबले कम है। कुछ ही दिनों में पार्टी के भीतर नई ऊर्जा देखने को मिलेगी।

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