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संतान की लंबी उम्र के लिए, करें मां अहोई की पूजा

संतान के दीर्घायु और खुशहाल जीवन का व्रत अहोई अष्टमी हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है। अखंड सौभाग्य के व्रत करवा चौथ के बाद 3 या 4 दिन बाद और दिवाली से 6 या 7 दिन पूर्व अहोई अष्टमी का व्रत होता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 08 नवंबर दिन रविवार को है। इस दिन माताएं अपनी संतान की खुशहाल और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत मुख्यत: सूर्योदय से लेकर सूयोस्त के बाद तक होता है। शाम के समय में आकाश में तारों को देखकर व्रत का पारण किया जाता है। कुछ स्थानों पर माताएं चंद्रमा दर्शन के बाद पारण करती हैं। 



अहोई अष्टमी  की तिथि


इस वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का प्रारंभ 08 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 09 नवंबर को सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में अहोई अष्टमी का व्रत 8 नवंबर को रखा जाएगा।


अहोई अष्टमी 2020 पूजा मुहूर्त


अहोई अष्टमी के दिन अहोई माता की पूजा विधि विधान से की जाती है। इस दिन पूजा के लिए शाम को 01 घण्टा 19 मिनट का समय है। आपको अहोई अष्टमी की पूजा शाम 05 बजकर 37 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट के बीच कर लेना चाहिए।


अहोई अष्टमी 2020 पारण का समय


अहोई अष्टमी का व्रत तारों के देखने के बाद पारण के साथ पूरा होता है। 08 नवंबर को शाम 08 बजकर 02 मिनट पर तारों को देखने का समय है। इसके बाद आप पारण करके व्रत को पूरा कर सकती हैं।


अहोई अष्टमी 2020 चंद्रोदय का समय


अहोई अष्टमी के दिन चंद्रमा काफी देर से दिखाई देगा। इस दिन देर रात 12 बजकर 02 मिनट पर चंद्रोदय होगा। ऐसे में अधिकतर व्रती तारों को देखने के बाद पारण कर लेती हैं। अधिकतर जगहों पर तारों को देखकर ही व्रत पूरा करने की परंपरा है।


यह व्रत माताओं के द्वारा अपनी संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी व्रत रखा जाता है। महिलाएं इस दिन अपनी संतान की दीर्घायु और सुखी जीवन के लिए उपवास करती हैं। साथ ही अहोई देवी की पूजा करती हैं। इस दिन मातओं को संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए राशि के अनुसार उपाय करने चाहिए। 



मेष राशि
आपको अहोई मां की कृपा प्राप्त करने हेतु ढलते सूर्य को अपने हाथ से बना कर पूर्ण भोजन अर्पित करना चाहिए।


वृषभ राशि
आपको अहोई की पूजा करने से पूर्व सवा किलो मसूर की दाल खेत या निर्जन स्थान पर डाल देनी चाहिए।


मिथुन राशि
आपको तारों की पूजा करते समय इत्र युक्त 11 दिये प्रज्जवलित करने चाहिए और उन्हें तारों के सामने खुले आसमान में रखना चाहिए।


कर्क राशि
आपको इस दिन भोजन करने से पूर्व कुछ भोजन अपने पुरखों के लिए निकाल कर दान करना चाहिए।


सिंह राशि
आपको मां अहोई की अनुकम्पा प्राप्त करने हेतु कम से कम एक बच्ची की यथाशक्ति पढ़ाई का खर्चा उठाने का संकल्प लेना चाहिए।


कन्या राशि
आपको मां अहोई का व्रत रखते हुए किसी वृद्ध का यथाशक्ति खर्चा उठाने का संकल्प लेना चाहिए।


तुला राशि
यदि जातिका तुला राशि की है, तो अहोई अष्टमी की पूजा करते हुए यथाशक्ति अनाथ बच्चों की जरूरतें पूरा करने का संकल्प लेना चाहिए।


वृश्चिक राशि
आपको मां अहोई की कृपा प्राप्त करने हेतु कम से कम एक वर्ष शक्ति अनुसार विद्या दान करने करने का संकल्प लेना चाहिए।


धनु राशि
मां अहोई की पूजा करते हुए 11 एकादशी का व्रत करने का संकल्प लें और फिर व्रत का उद्यापन विधि-विधान के साथ करें।


मकर राशि
मां अहोई की अनुकम्पा प्राप्त करने हेतु इस दिन सुगन्धित दीयों को प्रज्जवलित करना चाहिए। जिनकी संख्या 7 से कम न हो और ध्यान रहे, ये दीये कम से कम दो होरा तक प्रज्ज्वलित रहें।


कुंभ राशि
अहोई की उपासना करते हुए आपको 11 पूर्णिमा का विधि-विधान से व्रत रखें और फिर उसका उद्यापन कराएं। ऐसा करने से मां अहोई की अनुकम्पा अवश्य प्राप्त होगी।


मीन राशि
मां अहोई की अनुकंपा पाने के लिए आपको 21 शुक्रवार तक कम से कम एक सुहागिन को शृंगार की पांच चीजें दान करेंगी।


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