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न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया कि ऐसी डायट से डिप्रेशन को करें दूर

अवसाद यानी डिप्रेशन आज के जीवन का काला सच है। इस मानसिक रोग की गिरफ्त में आने की कोई निश्चित उम्र या निश्चित कारण नहीं हैं। स्कूल जानेवाले मासूम बच्चे भी डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं और जॉब से रिटायरमेंट ले चुके सीनियर सिटीजन्स भी।



अवसाद यानी डिप्रेशन आज के जीवन का काला सच है। इस मानसिक रोग की गिरफ्त में आने की कोई निश्चित उम्र या निश्चित कारण नहीं हैं। स्कूल जानेवाले मासूम बच्चे भी डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं और जॉब से रिटायरमेंट ले चुके सीनियर सिटीजन्स भी। यहां न्यूट्रिशनिस्ट नमित त्यागीबता रहे हैं कि जिस तरह शुगर, हाईबीपी, लंग्स और किडनी की बीमारी से बचने के लिए डायट ली जाती है, ठीक इसी तरह यह बात भी हम सभी को पता होनी चाहिए कि दिमाग को हेल्दी रखने के लिए किस तरह की डायट लेना सही रहता है। 


अवसाद या डिप्रेशन कई गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ा देता है। महिलाओं में डिप्रेशन होने के कारण काफी हद तक दिल से संबंधित समस्या जैसे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। डिप्रेशन में होने की वजह से हार्ट वेसल्स में बाधा उत्पन होने लगती है, जिस वजह से हृदय रोग की समस्याएं हो सकती हैं।यदि आप चाहते हैं जल्द से जल्द डिप्रेशन से उबरना, तो अपने खान-पान में विशेष ध्यान देना शुरू कर दें। स्ट्रेस में हैं, तो इसका इलाज समय पर करवाएं, क्योंकि स्ट्रेस के कारण ही गंभीर अवसाद यानी डिप्रेशन की समस्या शुरू हो जाती है। 


एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि डिप्रेशन के कारण महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले हृदय की समस्याएं अधिक होती हैं। महिलाओं में अवसाद या डिप्रेशन मानसिक रूप के साथ ही हृदय रोग को भी बढ़ाने का कारण बनता है। इसके लिए जरूरी है कि आप संतुलित आहार लें। इससे शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों ही बेहतर बना रहेगा। तेल और वसा युक्त भोजन कम खाएं। कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर भोजन करें।


 


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