नई शिक्षा नीति के कुछ खास प्वाइंट्स,आइये देखते है
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है. इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे. फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12). इसके अलावा स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।
- -शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने पर जोर।
- -प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी।
- -वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा।
- -छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा।
- -नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंंगी।
नई शिक्षा नीति के कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलू
- -2040 तक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को मल्टी सब्जेक्ट इंस्टिट्यूशन बनाना होगा जिसमें 3000 से अधिक छात्र होंगे।
- -2030 तक हर जिले में या उसके पास कम से कम एक बड़ा मल्टी सब्जेक्ट हाई इंस्टिट्यूशन होगा।
- -संस्थानों का पाठ्यक्रम ऐसा होगा कि सार्वजनिक संस्थानों के विकास पर उसमें जोर दिया जाए।
- -संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होगा।
- -उच्चा शिक्षा के लिए बनाए गए सभी तरह के डीम्ड और संबंधित विश्वविद्यालय को सिर्फ अब विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाएगा।
नई शिक्षा नीति में संगीत, दर्शन, कला, नृत्य, रंगमंच, उच्च संस्थानों की शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे. स्नातक की डिग्री 3 या 4 साल की अवधि की होगी. एकेडमी बैंक ऑफ क्रेडिट बनेगी, छात्रों के परफॉर्मेंस का डिजिटल रिकॉर्ड इकट्ठा किया जाएगा. 2050 तक स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50 फीसदी शिक्षार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा में शामिल होना होगा. गुणवत्ता योग्यता अनुसंधान के लिए एक नया राष्ट्रीय शोध संस्थान बनेगा, इसका संबंध देश के सारे विश्वविद्यालय से होगा।
फाउंडेशन स्टेज : पहले तीन साल बच्चे आंगनबाड़ी में प्री-स्कूलिंग शिक्षा लेंगे | फिर अगले दो साल कक्षा एक एवं दो में बच्चे स्कूल में पढ़ेंगे | इन पांच सालों की पढ़ाई के लिए एक नया पाठ्यक्रम तैयार होगा | इसमें तीन से आठ साल तक की आयु के बच्चे कवर होंगे |
प्रीप्रेटरी स्टेज : इस चरण में कक्षा तीन से पांच तक की पढ़ाई होगी | इस दौरान प्रयोगों के जरिए बच्चों को विज्ञान, गणित, कला आदि की पढ़ाई कराई जाएगी | आठ से 11 साल तक की उम्र के बच्चों को इसमें कवर किया जाएगा।
मिडिल स्टेज : इसमें कक्षा 6-8 की कक्षाओं की पढ़ाई होगी तथा 11-14 साल की उम्र के बच्चों को कवर किया जाएगा | इन कक्षाओं में विषय आधारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा और साथ ही कौशल विकास कोर्स भी शुरू किये जावेंगे |
सेकेंडरी स्टेज : कक्षा 9 से 12 की पढ़ाई दो चरणों में होगी जिसमें विषयों का गहन अध्ययन कराया जाएगा व विषयों को चुनने की आजादी भी होगी |
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