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210 वर्षीय जगन्नाथ रथयात्रा महोत्सव का सादगी से हुआ समापन समारोह

कानपुर में 210 वर्ष पुराने प्राचीन बिरजी भगत मन्दिर में आज शताब्दियों पुरानी परम्पराओं का अनुकरण एवं निर्वहन करते हुए भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथयात्रा महोत्सव का समापन आषाढ़ द्वितीय की तरह मन्दिरों के बन्द दरवाज़ों में सम्पन्न हुआ। कोरोना महामारी के कारण प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए मन्दिर प्रांगण में ही सोशल डिसटेंसिग के साथ सुबह आरती के साथ भगवान जगन्नाथ स्वामी का बाल भोग लगाया गया। दोपहर में जगन्नाथ जी को कढ़ी, चावल, रोटी, सब्ज़ी, खीर सहित छप्पन भोग का महाप्रसाद लगाया गया।



शाम को मन्दिर परिसर में ही सोशल डिसटेंसिग के साथ जगन्नाथ जी, बहन सुभद्रा जी एवं भाई बलभद्र जी के साथ अलग-अलग रथों में रथारूढ़ होकर विदाई यात्रा में निकले। भक्तगण “ठाकुर भले विराजो जी उड़ीसा जगन्नाथपुरी में”, “देखो आईं सवारी जगन्नाथ जी की” भजनों को गाते हुए रथों को खींच रहे थे। मन्दिर परिसर में ही भ्रमण के तत्पश्चात् जगन्नाथ जी को उनके गर्भगृह में विराजमान करके कार्यक्रम का समापन किया गया।


इस अवसर में प्रबंधक ज्ञानेन्द्र कुमार गुप्ता, गोपाल जी गुप्ता, पुष्कर, अभिषेक, अम्बरीश, समीर आदि उपस्थित थे।


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