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सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास होने के बाद ऐसा करने वाला पश्चिम बंगाल देश का चौथा राज्य बना

पश्चिम बंगाल विधानसभा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दी है। प्रस्ताव में कानून को असंवैधानिक बताते हुए केंद्र से मांग की गई है कि इसको वापस लिया जाए।पश्चिम बंगाल से पहले केरल, पंजाब और राजस्थान राज्यों की विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास किया जा चुका है।




नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधानसभा में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि यह विरोध केवल अल्पसंख्यकों का ही नहीं है। ये सबका प्रदर्शन है।बंगाल में, हम CAA, NPR और NRC की अनुमति नहीं देंगे।


सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास होने के बाद ऐसा करने वाला पश्चिम बंगाल देश का चौथा राज्य बन गया।पश्चिम बंगाल सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने को लेकर 20 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष को नियम 169 के तहत एक प्रस्ताव सौंपा था। इसमें कहा गया था कि टीएमसी सरकार सैद्धांतिक रूप से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ है। जिसके बाद आज, 27 जनवरी को सदन में प्रस्ताव पेश किया गया। इसके बाद सदन में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पेश किए गए प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसके बाद वोटिंग हुई और प्रस्ताव को पास कर दिया गया।


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