नवरात्रि के 9 दिन इन 9 रंगों से करें पूजन और लगाए ये भोग , मां दुर्गा होंगी प्रसन्न

नवरात्रि के शुभ अवसर पर रंगबिरंगे परिधान धारण किए जाते हैं। हर दिन पूजा करने के लिए मां के स्वरूप के अनुसार कपड़ों के रंग का चयन करना  बेहद शुभ माना जाता है। रंगों का हमारे देवी-देवताओं, पर्वों और त्योहारों से विशेष जुड़ाव है। चाहें आप सलवार सूट पहनें, लहंगा, चणिया चोली या साड़ी नवरात्र पर्व में प्रत्येक दिन किस रंग के कपड़े धारण करना हैं आइए जानते हैं... 


1. शैलपुत्री (Shailputri)
नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री (Shailputri) की पूजा की जाती है। इस दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है। इसीलिए नवरात्रि की शुरुआत पीले रंग के कपड़ों से करें। 




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2. ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini)
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी (Brahmacharini) को पूजा जाता है। इस दिन के लिए हरा रंग होता है। इसीलिए नवरात्रि के दूसरे दिन किसी भी प्रकार का हरा रंग पहनें, लेकिन अगर गाढ़ा हरा रंग हो तो बेहतर। 


3. चंद्रघंटा  (Chandraghanta)
नवरात्रि के तीसरे दिन हल्का भूरा रंग पहनें। मां चंद्रघंटा  (Chandraghanta) की पूजा करते वक्त आप इस रंग का कोई भी वस्त्र पहन सकते हैं।  
 
4. कूष्माण्डा (kushmanda)
नवरात्रि के चौथे दिन संतरी रंग के कपड़े पहनें। कूष्माण्डा (kushmanda) माता का यह रंग उत्सव की रौनक को बढ़ा देता है। 
 5. स्कंदमाता (Skandmata)
भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी करने वाली स्कंदमाता (Skandmata) के दिन सफेद रंग पहनें। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के नाम से भी जाना जाता है। 
 
6. कात्यायनी (katyayani)
पांचवे दिन पूजी जाने कात्यायनी (katyayani) का मनपसंद रंग है लाल। इस दिन माता की पूजा करते वक्त लाल रंग पहनें। 
 
7. कालरात्रि (kalratri)
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि (kalratri) की पूजा जाती है। इस दिन नीला रंग पहनना शुभ माना जाता है।  
 
8. महागौरी (Mahagauri)
महागौरी की पूजा करते वक्त गुलाबी रंग पहनना शुभ माना जाता है। अष्टमी की पूजा और कन्या भोज करवाते इसी रंग को पहनें।  
 
9. सिद्धिदात्री (Siddhidatri)
नवरात्रि के आखिरी दिन पूजी जाती हैं सिद्धिदात्री (Siddhidatri), इन्हें बैंगनी रंग बेहद पसंद होता है।


नवरात्र की पूजा, व्रत और उत्सव, ये सबकुछ बिना मां के भोग के अधूरा है। जिस तरह नवरात्र में मां के नौ रूपों को पूजा जाता है, ठीक उसी तरह इन नौ देवियों को नौ अलग-अलग भोग चढ़ाए जाते हैं।  किस दिन के लिए है कौन सा भोग और क्या है इस भोग का महत्वः 


घी 
नवरात्र की प्रथमा को देवी के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से आरोग्य का वरदान मिलता है जिससे शरीर निरोगी रहता है। 


शक्कर 
द्वितीया को मां को शक्कर का भोग लगाकर घर में सभी सदस्यों को यह प्रसाद दें। इससे लम्बी आयु का आशीर्वीद मिलता है। 


खीर 
नवरात्र के तीसरे दिन दूध या दूध से बनी मिठाई, खीर आदि का भोग मां को लगाकर मंदिर के ब्राह्मण को दान करें। इससे भक्तों को दुखों से मुक्ति मिलती है और परमानंद की प्राप्ति होती है।


मालपुआ 
नवरात्र की चतुर्थी को देवी को मालपुए का भोग लगाएं और मंदिर के ब्राह्मण को दान करें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है। 


केला 
नवरात्र के पांचवें दिन मां को केले का प्रसाद चढ़ाने से शरीर स्वस्थ रहता है। 


शहद 
नवरात्र के छठे दिन को मां को शहद का भोग लगाएं। जिससे आपकी आकर्षण शक्त्ति का विकास होगा। 


गुड़ 
सातवें दिन मां को गुड़ का भोग लगाकर उसे ब्राह्मण को दान करने से सभी शोकों से मुक्ति मिलती है और अकस्मात आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है। 


नारियल 
आठवीं नवरात्र को मां को नारियल चढ़ाकर नारियल का दान कर दें। इससे संतान सम्बंधी परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। 


तिल 
नवरात्र की नवमी तिथि को माता रानी को तिल का भोग लगाकर ब्राह्मण को दान दें। इससे मृत्यु भय से राहत मिलेगी। साथ ही किसी अनहोनी से भी रक्षा होगी